Epithelium Tissue and It's Type Complete Notes in हिन्दी and English
ऊतक (Tissue) :-
Germinal :- गर्भावस्था (Zygot + Placenta) 1-2 सप्ताह
Embryonic :- 3 से 8 सप्ताह (जर्म की परत विभाजित)
Fetal Stage :- जन्म के नौवें सप्ताह में
जर्म की 3 परत होती है :-
Entoderm (बाहरी)
Mesoderm (मध्य )
Endoderm (आंतरिक)
Epithelium → Ecto, Meso, Endo
Connective → Mesoderm
Muscular → Mesoderm
Nervous → Endoderm
Germ Layer (जर्म लेयर) :- जर्म लेयर एक भ्रूण समूह होता है जो विकसित होने पर एक दूसरे के साथ अंतः क्रिया (Intract) करता है और सभी अंगों और ऊतकों के निर्माण में योगदान देता है।
कोशिका → ऊतक → अंग → अंग प्रणाली
Cell → Tissue → Organ → Organ Systems
Tissue (ऊतक) :- यह कोशिका का एक ऐसा समूह है जिसकी संरचना समान होती है और यह परस्पर एक इकाई के रूप में कार्य करता है इसमें एक अंतःकोशिकीय पदार्थ होता है जिसे मैट्रिक्स (Matrix) कहते हैं ।
Tissue (ऊतक) चार प्रकार के होते हैं :-
(A) Epithelium Tissue
(B) connective Tissues
(C) Muscular Tissues
(D) Nervous Tissues
(A) Epithelium Tissue : -
एपिथीलियम ऊतक कोशिकाओं का एक समूह है जो शरीर के Covering में पाया जाता है। यह खोखली चीजें और ट्यूब्स मे भी पाया जाता है।
एपिथीलियम ऊतक के कार्य :-
(1) यह शरीर के अंदर की संरचना को (Mechanical damage) यांत्रिक क्षति से बचाता है।
(2) यह स्राव ( Secreation ) में मदद करता है
(3) अवशोषण ( Absorbtion ) में भी मदद करता है।
(4) यह संचलन ( Movement ) में सहायक होती है
व्यवस्था के आधार पर (Epithelial Tissue) के प्रकार निम्न हैं :-
(1) Simple Epithelial :- Simpal एपीथीलियम केवल एक परत से बना होता है।
(2) Stratified Epithelial :- Stratified एपीथीलियम एक से अधिक परत से बना होता है।
(1) Simple Epithelial :-
Simple Epithelial Tissues के 4 प्रकार होते हैं :-
(A) Squamous Epithelium
(B) Cuboidal Epithelium
(C) Columnar Epithelium
(D) Stratified Epithelium
(A ) Squmous Epithelium (स्क्वैमस उपकला) :- स्क्वैमस एपिथीलियम कोशिकाओं का आकार चपटी तथा बहुभुजीय (polygonal) होता है।
- यह रक्त वाहिका की दीवार (Blood Vessels) और फेफड़े की (alveoli) में पाया जाता है।
- इसका कार्य विसरण (diffusion) है।
(B) Cuboidal Epithelium (घनाभकार उपकला) :- घनाभकार उपकला सरल स्क्वैमस उपकला की तुलना में थोड़ी मोटी होती है, जिसमें घन के आकार की कोशिकाएँ होती हैं।।
- यह किडनी के नेफ्रॉन (Nephron) में पाया जाता है।
- इसका कार्य अवशोषण ( secreation ) और स्राव (absorbtion) है।
(C) Columinar epithelium (स्तंभकार उपकला) :- स्तंभकार एपिथेलियम simple एपिथेलियम का सबसे मोटा प्रकार है, जिसकी कोशिकाएँ लंबी और स्तंभ के आकार की होती हैं।
- यह आंत (Intestine) और पेट (Stomach) में पाया जाता है।
- इसका कार्य स्राव (Secreation) और अवशोषण (Absorption) है।
∆ Cilia (सिलिया) :- जब स्तंभकार (Cuboidal) और घनाकार ( Columnar ) एपिथेलियम की सतह पर सिलिया होते हैं तो इसे सिलीटेड एपिथेलियम कहते हैं।
- यह ब्रोन्ची और फैलोपियन ट्यूब जैसे खोखली पाइप में पाई जाती है।
- इसका कार्य आंशिक रूप से स्थानांतरित (Movement) करना है
∆ Microvills (माइक्रोविल्स) :- माइक्रोविल्स एपिथेलियम टिश्यू की सतह पर एक ना हिलने-ढुलने वाली उंगली जैसी संरचना होती है।
- यह किडनी (नेफ्रोन) , आंत में पाई जाती है।
- इसके कार्य पोषक तत्व, खनिजों का अवशोषण हैं।
∆ Pseudostratified (स्यूडोस्ट्रेटिफाइड) :- स्यूडो जिसका अर्थ गलत और स्ट्रेटिफाइड का मतलब सेल का अनेक लेयर है, स्यूडोस्ट्रेटिफाइड जिसमें सेल की मल्टीलेया लेयर दिखाई देती है, लेकिन वास्तव में सेल की सिर्फ एक परत होती है।
- यह स्तंभकार आकार की होती हैं जो सिलेटेड या नॉन-सिलेटेड होते हैं। यह MicroOrganism में पाया जाता है।
∆ Glandular Epithelium (ग्रंथि उपकला) :-
ग्रंथि एपिथेलियम एक प्रकार का एपिथेलियम ऊतक है जो मुख्यतः ग्लैंड मे पाया जाता है। यह लार, हार्मोन का स्राव (secretion) करता है।
ग्रंथि एपिथीलियम 2 प्रकार के होते है :-
(A) एक्सोक्राइन :- एक्सोक्राइन ग्रंथि में डक्ट होता है जो एंजाइम का स्राव है, एक्सोक्राइन ग्रंथियां अपने उत्पादों को नलिकाओं के माध्यम से शरीर की सतह या किसी अंग में छोड़ती हैं।
Ex :- Sweat ग्रंथि, Lacrimal ग्रंथि, Saliva ग्रंथि।
(B) इंडोक्राइन :- इंडोक्राइन ग्रंथि में डक्ट नहीं होता है, यह अपने उत्पादों सीधे रक्तधारा में छोड़ती है।
Ex :- थाइराइड ग्रंथि, पिट्यूटरी ग्रंथि, ऑड्रेनल ग्रंथि।
(2) Stratified Epithrlium (स्तरीकृत उपकला) :-
यह एपिथेलियम बहुस्तरीय परत से मिलकर बनी होती है। सबसे ऊपरी परत की कोशिकाएं स्क्वैमस आकार की होती हैं। यानी पतले, चपटी और बहुभुज आकार वाले होते हैं l
स्तरीकृत एपिथीलियम (Stratified Epithelium) 2 प्रकार का होता है :-
(A) Keratinged (केरेटिंग) :-
- यह सूखी सतह में पाया गया है l
- Ex :- बाल, नाखून।
(B) Non-Keratinged (नॉन केरेटिंग) :-
- यह गीली सतह में पाया जाता है।
- Ex :- मुख, योनि।
(3) Transitional Epithelium (ट्रांजिशनल उपकला) :-
ट्रांजिटिनल एपिथेलियम बिना बेसमेंट मेम्ब्रेन की बहुस्तरीय परत से बना है। यह अत्यधिक लचीला होता है क्योंकि खिंचाव होने पर यह सेल का आकार बदल सकता है।
Ex :- यूरेथर, यूसिनरी ब्लैडर।
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