X-Ray Film Construction Handwritten Class Notes in English : एक्स-रे फिल्म का निर्माण
Construction Of X-RAY Film
एक्स-रे फिल्म एक माध्यम है जो X-Ray के लिए Exposed शारीरिक भाग की इमेज रिकॉर्ड करने के लिए काम आता है यह फिल्म सामान्यतः फोटोग्राफिक फिल्म के समान होती है रेडियोग्राफिक फिल्म में अंतर यह है कि इसके एक तरफ या दोनों तरफ रेडियोसेंसेटिव या लाइट सेंसिटिव इमल्शन पदार्थ का लेप या Coating किया जाता है ताकि इसका प्रयोग इंटेंसिफाइंग स्क्रीन के साथ किया जा सके इसी रेडियोग्राफिक फिल्म के ऊपर हम एक्सपोज करके Latent इमेज का निर्माण करते हैं तथा बाद में इसे प्रोसेसिंग के द्वारा Latent इमेज को Visible इमेज में कन्वर्ट कर लेते हैं रेडियोग्राफिक फिल्म की Structure निम्न प्रकार है :-
Structure Of X Ray Film :
अक्सर फिल्म का निर्माण निम्न Layer से होता है जो कि है :-
(1). Base Layer
यह X-Ray फ़िल्म का केंद्रीय या बीच का भाग ह जो दोनों ओर से फ़ोटोग्राफ़िक Emulsion लेयर को सपोर्ट प्रदान करता है। यह बेस भाग न मुड़ने वाला तथा न टूटने वाला होना चाहिए । यह किसी भी प्रकार के Geometrical Distortion (तापमान , दबाव) सहन करने में सक्षम होना चाहिए ताकि इसकी प्रोसेसिंग की जा सके । बेस फ़िल्म को पारदर्शी , यूनिफार्म दृश्य बैकग्राउंड प्रदान करता हैं। सर्वप्रथम X-Ray फिल्म प्लेट में एक कांच के बने बेस के दोनों ओर इमल्शन लेयर लगी हुई होती थी। लेकिन पहले विश्व युद्ध के दौरान Belzium ने फोटोग्राफिक कांच की Supply बन्द कर दी । तब पूरे विश्व मे X-Ray फ़िल्म बेस की मांग उठने लगी।
(2).Adhesive layer :
ज्यादातर Emulsion लेयर बेस लेयर से आसानी से नही चिपकती है । अतः इसका मुख्य कार्य दो लेयर को आपस मे चिपकाने का कार्य करती हैं। जो कि Emulsion तथा Base लेयर के बीच मे Persent होती हैं।
(3).Emulsion layer :
यह X-Ray फ़िल्म की सबसे Active लेयर होती हैं। जो कि Protective layer तथा Adhesive layer के बीच में स्थित होती हैं। रेडियोग्राफिक इमेज का निमार्ण इसी layer पर होता हैं। यह लेयर मुख्य रूप से दो घटक से मिलकर बनी होती हैं।A. Gelatin mediumB. Silver halide Crystal (grain)Emulsion X-Ray फ़िल्म का वह भाग होता है जिस पर की X-Ray फोटोन कार्य कर इमेज का निर्माण करते हैं।
(4).Super Coating layer :
फ़िल्म की हैंडलिंग के दौरान इमल्शन भाग को खरोच लगने व नुकशान होने से बचाने के लिए एक प्रोटेक्टिव लेयर का प्रयोग किया जाता हैं। जिसे सुपर कोटिंग कहते है। ये लेयर भी जिलेटिन की बनी होती हैं ।
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