Intensifying Screen Class Notes in Eng-Hin | BXRT, BSc Radiology | Radiographic Photography

Intensifying Screen Class Notes in English & Hindi : तेज स्क्रीन नोटस 



Intensifying Screen Notes in Hindi :

  Intensifying Screen  X-Ray फोटोन को दृश्य प्रकाश (light photon) में परिवर्तित करती है। जिसके उपरांत यह  लाइट फोटोन रेडियोग्राफिक फ़िल्म से क्रिया करके लेटेंट इमेज का निर्माण करते हैं।इंटेंसिफयिंग स्क्रीन में कम Exposer की जरूरत होती है जिसके कारण एक्सपोज़र टाइम भी कम लगता है तथा पेशेंट का मोशन इफ़ेक्ट भी कम होता है । X-Ray फ़िल्म  दोनों ओर से इंटेंसिफयिंग स्क्रीन के बीच Sendwich के रूप load होती है ।

• Intensifying Screen की 4 परत होती है :-


(1). Protective Layer :-

प्रोटेक्टिव लेयर अधिकांश सेलुलोज को दूसरे प्लास्टिक Polymer में मिक्स करके बनाया जाता हैं | यह पारदर्शी (Transparent) लेयर होती है। तथा इस परत की मोटाई 15-25 mm होती है । एवं यह फ़िल्म के सबसे निजदिक स्थित होती है । यह लेयर स्क्रीन को (cassette loading and unloading ) के दौरान बाहरी खोरोंचों (scratch) से रक्षा करती है। तथा इस परत की सहायता से Phospher लेयर को बिना हानि पहुचाये Intensifying Screen की सफाई की जा सकती है । तथा यह लेयर स्टेटिक इलेक्ट्रिसिटी को फ़िल्म तक पहुंचने से रोकती है ।

(2). Phospher Layer :-

यह इंटेंसिफयिंग स्क्रीन की सबसे Active Layer होती हैं । यह लेयर ही X-Ray Photon  को Light Photon के रूप में कन्वर्ट करती है । इस लेयर की मोटाई स्क्रीन के प्रकार पर निर्भर करती है । जो कि 130-150 mm होती है।

• फॉस्फर में निम्न गुण होने चाहिए :-

यह अधिक large Atomic number वाला होना चाहिए।जिससे कि X-Ray से क्रिया की संभावना अधिक हो। यह X-Ray से क्रिया करके ज्यादा से ज्यादा लाइट फोटोन का निर्माण करने वाला होना चाहिए। निकालने वाले प्रकाश ( Light Photon) उचित तरंगदैर्ध्य का होना चाहिए। यह X-Ray फ़िल्म की सेंसिटिविटी के अनुरूप होना चाहिए।

 Modern Screen फॉस्फर के रूप में उपयोग लेते हैं :-
Calcium tungstate , Zinc sulphide , Barium lead sulphate , Gadolinium ,Lanthanum , Yttrium

(3). Reflective layer :-

Phospher तथा Base लेयर के बीच Reflective लेयर स्थित होती है । यह लेयर लगभग 25 mm मोटी होती है। यह लेयर वाइट मेटेरियल मैग्नीशियम ऑक्साइड(mgo) या टाईटेडिम डाइऑक्साइड (TiO2) से बनी होती है । जब X-Ray फॉस्फर लेयर से क्रिया करती है तो लाइट फोटोन सभी सम्भव दिशा में निकलते है अधिकांश लाइट फोटोन X-Ray फ़िल्म की दिशा में ही होते हैं लेकिन कुछ लाइट फोटोन फ़िल्म पर नही पहुंच पाते हैं जिससे कुछ Information गायब हो सकती है । इस दौरान रेफ्लेक्टिव लेयर इन लाइट फोटोन की दिशा फ़िल्म की ओर Reflect (परिवर्तित) करती है । अतः रेफ्लेक्टिव लेयर इंटेंसिफयिंग स्क्रीन की दक्षता को बढ़ाती है।

(4). Base layer :-

यह लेयर फ़िल्म के सबसे दूर स्थित होती है । इसकी मोटाई 1 mm होती है । यह phospher परत को support प्रदान करती है। यह लेयर कार्डबोर्ड अथवा पॉलीस्टर की बनी होती है तथा इसमें Dimentional Stability का गुण पाया जाता है अर्थात बेस न मुड़ने वाला तथा न टूटने वाला होता है । बेस नमिरोधी होना चाहिए। बेस रासायनिक रूप से निष्क्रिय होता है। 

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